तेरा मोह
तेरा मोह


चलते-चलते
ज़िंदगी के सफर में,
एक मोड़ पर
चेहरे पे उनके
बिखरी सी उलझनें,
करती बयान हैं
बड़ी तन्हाइयों में
गुज़रे ज़ज़्बात हैं,
जिनसे
बंद आँखों के नीचे
उभरते काले घेरे
लगते कलम-दवात हैं,
और आड़ी तिरछी रेखाएँ
लगती चेहरे पर लिखी
एक किताब है,
जिसका शीर्षक है:-
"यह मेरा प्यार है और तेरा मोह“
आगे तहरीर में लिखा हैः-
मुझे तेरे प्यार का अब भी इंतज़ार है।।