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Shanti Prakash

Romance

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Shanti Prakash

Romance

तन्हाईयाँ

तन्हाईयाँ

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सूर्य की तपिश और पतझड़ में

मुझे सूखा देख…

यूँ …परेशान ना हुआ करो

क्योंकि

कभी चाँदनी रात में देख लिया तो

पता है क्या होगा... क्या होगा जी…?

शर्मा जाओगे !

और होंठों की कम्पन कह जायेगी

मुझ से ही….

तुम्हें प्यार हो गया है I



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