आईने ने धोखा दे दिया…
आईने ने धोखा दे दिया…
उड़ती सी महत्तवकांक्षाओं
और उनकी परछाइयों में
बस सपनों का दर्द ही मिला
वो भी इतना बेवफ़ा निकला
ना पहचान ना पता ही दिया।
अहम् का वज़ूद भी देखा दोस्तो
आईने ने धोखा पहचान को दिया
अच्छा होता अगर आईना ना देख
उनकी आँखों में ही देख लिया होता।
झुर्रियाँ उनकी ही पढ़ ली होती तो
तो अपनों से शिकवा न किया होता
सबक मिला कि दर्द महसूस होता है
खामोशियाँ प्यार और मोह समझाती हैं।
आईने ने धोखा पहचान को दे दिया
वरना गिला अपने से किया ना होता।।