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Amit Kumar

Romance Fantasy

4.5  

Amit Kumar

Romance Fantasy

तेरा ख़्वाब में आना

तेरा ख़्वाब में आना

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तेरा ख़्वाब में आना 

ठीक वैसा ही है 

जैसा एक बंजर जिस्म में 

रूह का कोई क़तरा आ जाना। 


तेरा ख़्वाब में छूना

ठीक वैसा ही है 

जैसे सूरज की किरण छूने से 

सूरजमुखी में जान आ जाना।  


तेरा ख़्वाब में नज़रें मिलाना 

ठीक वैसा ही है 

जैसे मुरझाये फूल को 

एक माली का ताकते जाना।  


तेरा ख़्वाब में पास बैठना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे सर्दी की रातों में 

आग की गर्मी को सेंकना। 


तेरा ख़्वाब में पलकें झुकना 

ठीक वैसा ही है 

जैसे गर्मी में बादलों का

सूरज को छुपा जाना। 


तेरा ख़्वाब में केशों को लहराना 

ठीक वैसा ही है 

जैसे प्यार की बरसात से पहले 

घटाओं का नाचना। 


तेरा ख़्वाब में बोलते जाना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे एक योगी का 

अनहदनाद को सुनते जाना। 


ते

रा ख़्वाब में मुस्कुराना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे एक साधक को 

तपस्या का फल मिल जाना। 


तेरा ख़्वाब में आगोश में आना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे एक डरते बच्चे को 

किसी की गोद मिल जाना। 


तेरा ख़्वाब में मुझे पुकारना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे हारे हुए इंसान के द्वारा 

ईश्वर को पुकारे जाना। 


तेरा ख़्वाब में, मेरे जेहन में आना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे गर्मी की चिलचिलाती धूप में 

किसी शज़र की छाँव मिल जाना। 


तेरा ख़्वाब में खुशबू बिखेरना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे वंदन करते हुए 

धूप बत्ती की सुगंध को पाना। 


तेरा ख़्वाब में, साथ जीवन बिताना

ठीक ऐसा ही है 

जैसे एक साधक को 

ईश्वर को बोध हो जाना। 


और तेरा ख़्वाब में छोड़ कर जाना 

ठीक ऐसा ही है 

जैसे रूह का जिस्म को छोड़ 

अपने घर वापस जाना।


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