गृहस्थी भी एक साधना हैं जहाँ मन तपता हैं और तन सधता हैं। गृहस्थी भी एक साधना हैं जहाँ मन तपता हैं और तन सधता हैं।
बड़े बड़े भोग विलासी, मंच पर मिथ्या भाषी बड़े बड़े भोग विलासी, मंच पर मिथ्या भाषी
मिथ्या है राष्ट्रवाद की परिभाषा, व्यर्थ जातिय धर्मी जय की पिपासा! मिथ्या है राष्ट्रवाद की परिभाषा, व्यर्थ जातिय धर्मी जय की पिपासा!
नित्य शांत आत्मा का ध्यान करें। दिव्य प्रकाश शांत मन पर ही उतरेगा। नित्य शांत आत्मा का ध्यान करें। दिव्य प्रकाश शांत मन पर ही उतरेगा।
आंतरिक प्रसन्नता जो जीवन में है लाता, समझो बड़ा है वह महान। आंतरिक प्रसन्नता जो जीवन में है लाता, समझो बड़ा है वह महान।
तेरा ख़्वाब में नज़रें मिलाना ठीक वैसा ही है जैसे मुरझाये फूल को एक माली का ताकते ज तेरा ख़्वाब में नज़रें मिलाना ठीक वैसा ही है जैसे मुरझाये फूल को एक मा...