परमार्थ पथ के 10 आलोक।
परमार्थ पथ के 10 आलोक।
आओ हम अध्यात्म पथ के 10 सरल सूत्र बतलाते हैं ।
पूज्य गुरुदेव की अमूल्य धरोहर जो 10 आलोक कहलाते हैं।।
ईश्वरीय शक्ति एक पावर है, जिसका कोई नाम है ना रूप।
जो चाहे जिस नाम से पुकारे, दिखे वहीं ईश्वरीय स्वरूप।।
गृहस्थी त्याग मत भटको जंगल में, सुलभ है प्राप्त करना इसमें ही।
वे तो घर में ही रहते हैं, परमार्थ का रहस्य छिपा इसमें ही।।
मिलना पड़ेगा उस समर्थ गुरु से, जो कराते पल भर में ही दीदार।
ईश्वर उनके हृदय में हैं रमते, सरल युक्ति बदला करते उपकार।।
आंतरिक प्रसन्नता जो जीवन में है लाता, समझो बड़ा है वह महान।
ईश्वरीय गुण है जो सबसे बड़ा, करता है जो उसके सदा गुणगान ।।
बाहरी ज्ञान से अशांत हुआ मन, क्यों है तू अंतर से अनजान।
सच्चा ज्ञान वहीं मिलेगा, कर ले कुछ अंतर में भी ध्यान।।
खूब करो सांसारिक काम, थोड़ा सा भज ले प्रभु का नाम।
उतने में ही कृतार्थ तू होगा, जो संसार भूल करते सेवा निष्काम।।
साधक के दो हैं बहुत जरूरी काम, यदि बनना चाहते उसके पुत्र महान।
परिश्रम से ही तू भोजन कमाना, मन पर हर घड़ी रखना तू ध्यान।।
ज्ञान की महिमा है अपरंपार, कर ले तू सतगुरु का साथ ।
आत्म ज्ञान के वह है भंडार, जो हैं कहलाते दीनानाथ।।
काम करो दुनिया के ऐसे, सेवक समझे तुझको संसार।
मालिक तेरा कोई और है, सेवा ही उसको है स्वीकार।।
संसार ना तेरा असली घर है, तू तो है कुछ दिन का मेहमान।
सब कुछ "नीरज" उसको अर्पण कर दें, यही है असली मकसद और ज्ञान।।