शांति
शांति
हर परिस्थिति में शांत रहें।
निरंतर प्रयास से इस गुण-शांति
को बार-बार विकसित करें।
शांति चट्टान की तरह है।
उस पर जलन की लहरें धराशायी हो सकती हैं,
लेकिन प्रभावित नहीं कर सकतीं।
नित्य शांत आत्मा का ध्यान करें।
दिव्य प्रकाश शांत मन पर ही उतरेगा।
केवल एक शांत मन वाला साधक ही
गहरे ध्यान और समाधि में प्रवेश कर सकता है।
अच्छाई का ऊर्ध्व मार्ग बहुत कठिन,
कांटेदार और त्वरित है।
इस मार्ग पर शांत चित वाला इंसान
ही चल सकता है ओर सफल हो सकता है।