सूरज से सीख. (बाल कविता)
सूरज से सीख. (बाल कविता)
आसमान में सूरज निकला
बना लाल सा गोला,
चमकती किरणों को देखकर
धरती का मन भी डोला।
कोयल बोली चहक-चहक कर
बसंत ऋतु संग मैं लाई,
भौंरों की गुंजन को सुनकर
फूलों ने ली अंगड़ाई।
बच्चे दौड़ लगाएं बगिया में
तितली संग खेले खेल,
रंगों से करे वो दोस्ती
खुशियों संग करें मेल।
चलो करें हम मेहनत प्यारे
सपनों को दें उजले रंग,
सूरज से सीखें हम चमकना
उम्मीदों को दे नए पंख।
