सुंदरता प्रकृति की
सुंदरता प्रकृति की
सुंदर सी दुनिया में सुंदर बहुत नजारे हैं ।
हरचीज की अपनी सुंदरता, हर सुंदरता के मायने हैं ।
ईश्वर की बनाई दुनिया में हरतरफ सुंदरता झलकती है ।
बस हम इंसानो से वो सुंदर सी सुंदरता नहीं पचती हैं ।
हरे भरे से पेड़ काट हम बंगले वहाँ बनाते हैं ।
जीवन देती नदियों को हम बिषेला कर जाते हैं ।
काट के सुंदर पर्वत हम सड़को का जाल बिछाते हैं ।
मिटा के कुदरती सुंदरता हम, कृत्रिम उसे बनाते हैं ।
फिर जब प्रकृति अपना गुस्सा हमें दिखाती हैं ।
भूलकर अपने अवगुण हम, फिर दोषी उसे ही बनाते हैं ।
अभी भी वक्त हैं संभल जाओ,
सुंदर सी इस दुनिया की सुंदरता को न बदसूरत बनाओ।