मिलन
मिलन
नहीं हुआ था मिलना उनका कुछ पैंतीस चालीस सालों से,
प्यार मगर था गहरा इतना जितना पानी सागर में।
छुप-छुप के देखा करते थे दोनों तस्वीरें
वॉट्सएप और फेसबुक की प्रोफाइलों में।
न ही कोई उम्मीद थी उनको न ही कोई मिलन की आस थी
सही सलामत है साथी उनका बस यही वजह
कुछ खास थी।
एक दिन बजा फोन तो मन हुआ कुछ उदास था
जा रही हूं छोड़कर दुनिया बस यही तक अपना साथ था।
आखरी कॉल की आखरी बातें सुनकर
दिल ने धड़कना छोड़ दिया,
फलक में साथ रहने का महबूब से किया वादा
पूरा करने को
इस जमाने के रिश्ते नातों को अलविदा कह
दो दिलों का संगम आज हुआ।