सुंदर सुरभित खुशियों से भरा। जहाॅ॑ न हो दुख की छाॅ॑व जरा। सुंदर सुरभित खुशियों से भरा। जहाॅ॑ न हो दुख की छाॅ॑व जरा।
ऐसी आवारा नाकारा निक्कमी सरकार से तो हम, बेसरकार भले थे। ऐसी आवारा नाकारा निक्कमी सरकार से तो हम, बेसरकार भले थे।
क्यों इतने मतलबी हो गए हैं हम अपनों से ही दूर हो गए हैं हम । क्यों इतने मतलबी हो गए हैं हम अपनों से ही दूर हो गए हैं हम ।
वह मन ही मन मानती है कि जिंदगी में सबकुछ प्रेम ही है.... और कुछ भी नही.... वह मन ही मन मानती है कि जिंदगी में सबकुछ प्रेम ही है.... और कुछ भी नही....
समय है अनमोल जानिए उसका मोल। समय है अनमोल जानिए उसका मोल।
जिंदगी सहम गई है हौसला टूटने के कगार पर है लेकिन हमें लड़ना है! जिंदगी सहम गई है हौसला टूटने के कगार पर है लेकिन हमें लड़ना है!