सताता है !
सताता है !
तेरा मिलना, मिलके यूं बिछड़ना बहुत सताता है,
एक गीत मुझे याद आता है।
मैं कोई दरिया, समंदर या सागर नहीं,
तेरा मुझ में डूब जाना याद आता है ।
मैं सूरज, कोई तारा या जुगनू नहीं,
मेरे होने से तेरा चमक जाना याद आता है ।
तू मुझमें है समाया हुआ कुछ इस तरह,
मेरा खुदमें खुद का होना याद आता है।