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surbhi Talreja

Drama Inspirational

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surbhi Talreja

Drama Inspirational

जब जब मैं चलता गया

जब जब मैं चलता गया

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एक पहलू ये भी है ज़िन्दगी का

कभी गिरना, कभी संभलना

सब खेल नहीं है नियति का


क्या खोया हमने और क्या पाया

सब कसूर नहीं है विनती का


जब जब मैं चलता गया

रास्ता आगे बढ़ता गया

मेरे रुक जाने से

क़ाफ़िला मेरा लुटता गया


ये आँखें बनेंगी किसी अंधे की लाठी

यूँ आँसू इनसे तुम न बहाओ


तुम क्या हो, क्या ना हो ऐसे न छुपाओ

ये हौसलों की उड़ान है पंखों को न उठाओ


मंज़िल मिलेगी, मिलेगा रास्ता

खड़े क्यों हो तुम, कदम तो बढ़ाओ


उज्जवल होगी यह दुनिया तुम्हारी

अँधेरा मिटेगा तुम दिया तो जलाओ।।


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