समरीन
समरीन
एक चेहरा आज देखा चाँद जैसा
हो गया है दिल दीवाना आज उसका
वो निगाहों से ओझल ऐसा हुआ है
भीड़ में वो ख़ूब चेहरा आज ढूँढ़ा
पास नहीं है दूर है वो चेहरा मुझसे
आज उसकी याद में दिल ख़ूब डूबा
इस क़दर उससे मुहब्बत हो गयी है
मैं बना लूँ दिल करे है यार अपना
तन्हा उसके बिन रहा जाता नहीं है
ए ख़ुदा उससे मिला दें अब हमेशा
इस तरह देखा निगाहों से उसके कल
भर गया है प्यार से दिल ख़ूब मेरा
ऐसा छाया है नशा उसका आँखों में
रोज़ उसका रात भर अब ख़्वाब आता
दिल करे मैं देखता उसको रहूँ बस
आज़म इतना वो हंसी है ख़ूब चेहरा।
