STORYMIRROR

दयाल शरण

Romance

2  

दयाल शरण

Romance

समन्वय

समन्वय

1 min
125

मुझसे मिलने

ख्वाब तुम्हारे

आये जब

तुम्हें पता है

मन को कितना

भाये तब

भीनी से मुस्कान

तुम्हारे चेहरे की

मन की अकुलित

पृष्ठभूमि पर

छाये तब

दौर देर से

आया फिर भी

आया तो

मौसम में अविरल

गतिमयता लाये तब

मुझसे मिलने

ख्वाब तुम्हारे

आये जब...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance