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Swapna Wankhade

Fantasy Others

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Swapna Wankhade

Fantasy Others

सिलसिला

सिलसिला

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अपने मे ही मगन रहे हम तो

आ गयी दिलो मे कितनी दुरी

खुली आँखों से सब देखना 

इस जगत मे हैं बेहद जरुरी


रिश्तों के स्याह रंग देख कर

पैरो तले खिसकती हैं जमिं

देखते देखतें पता नही चला

पलकों पे कब आ गयी नमी


बोहोत दुख होता हैं जब

डहता ख्वाबो का कीला

हीसाब लगाना हैं मुश्किल

क्या खोया और क्या मिला


चाहे आंधी आये या तुफान

सब नष्ट करे कोई जलजला

प्रकृति में निरंतर चलता है

नवनिर्माण का ये सिलसिला।


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