जहाँ चाह वहाँ राह
जहाँ चाह वहाँ राह
अलग अलग है सोच सबकी
अलग अलग है जीने का ढंग
जीवन अनुभवो मे देखे हम ने
इंसानों को बदलते हुए रंग
दौलत तो चंचल होती है
सागर भी जाता है सूख
वक्त बदलते ही बदलता
हवा और जीवन का रुख
सब कुछ मौन रह कर सहना
निकले ना जरा सी उफ या चीख
पाठशाला से कई गुना ज्यादा
जीवन के अनुभव देते हैं सीख
कड़वी सच्चाई को अपनाना सीखो
चाहे जितनी भी हो काली या स्याह
हर मुश्किल से हिम्मत से लड़ो
वो कहते है ना जहाँ चाह वहां राह!
