पहचान
पहचान
चाहे राह में फूल ही फूल मिले
मिले तुफान या आग का दरिया
योजना तो सारी प्रभू की होती हैं
हम तो होते हैं, बस एक जरिया
छल कपट से कुछ हसिल नही होता
जाने कब उलटा घुमे वक्त का पहिया
साफ मन से व्यवहार कीजिये तो सही
शायद मिले सुकून की निंद भरी शय्या
मन मे कोई बात रह ना जाए
दिल खोल कर सब कह जाईये
जिंदगी लंबी हो, ये जरुरी नही
सोच और जिंदगी बडी होनी चाहिए
वक्त आने पर हर किसी को जाना हैं
ना जाने कितने दिन के हैं मेहमान
बड़ी ना हो, छोटी सी ही सही मगर
अपने बलबुते बनाओ जहां मे पहचान।