हसीं की महफिलों में देखो छा गए हैं वो। हसीं की महफिलों में देखो छा गए हैं वो।
बड़ी होकर बस इतनी -सी रह जाती है बेटियाँ ! बड़ी होकर बस इतनी -सी रह जाती है बेटियाँ !
रिश्तों का यहाँ मोल नहीं है सबसे सस्ती बोली लगी है। रिश्तों का यहाँ मोल नहीं है सबसे सस्ती बोली लगी है।
चलो ऐसा करते, सच में करना मुश्किल, ऐसा खेल खेलते। चलो ऐसा करते, सच में करना मुश्किल, ऐसा खेल खेलते।
मैं आपकी पहचान आपकी बेटी कहलाती हूं। मैं आपकी पहचान आपकी बेटी कहलाती हूं।
तन को कहीं से ढका नहीं और मन खुला रखा नहीं। तन को कहीं से ढका नहीं और मन खुला रखा नहीं।