प्रकृति में निरंतर चलता है नवनिर्माण का ये सिलसिला। प्रकृति में निरंतर चलता है नवनिर्माण का ये सिलसिला।
क्या कर रहा है मानव ये, सब अग्निकुंड में झोंक दिया। क्या कर रहा है मानव ये, सब अग्निकुंड में झोंक दिया।