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Aman Kumar

Romance Fantasy

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Aman Kumar

Romance Fantasy

तुम्हे पाना मुश्किल था चाहना थोड़ी न

तुम्हे पाना मुश्किल था चाहना थोड़ी न

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याद तुम्हारी रुलाती है

फिर भी याद तुम्हें मैं करना चाहूँ,

इस ज़िन्दगी का कोई भरोसा नहीं,

कहीं तुम्हें मिले बिना मर न जाऊँ,

और मर तो गया था पहली नज़र में तुम्हारी,

इस बंदे को ज़िंदा कर दो मिल के इक वारी,

प्यार में होना आज कल आम है

पर सच्चे इश्क़ को न मोहब्बत

न सिर्फ आपसे ही होगी,


अब इश्क़ को भी जिससे इश्क़ हुआ

उससे इश्क़ न हुआ तो क्या इश्क़ हुआ,

तुम्हें यादों में रखूँ या सामने देखूं ,

और तुम्हें पा ही लिया तो वो ख्वाब क्या हुआ,

मैंने कब कहा कि मुझे चाहिए आप,

बस इतना याद रखना कहीं गैर न हो जाना,

प्यार करना ज़रूरी था बताना थोड़ी न,

तुम्हें पाना मुश्किल था चाहना थोड़ी न ।



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