सपनो की दुनिया!!!
सपनो की दुनिया!!!
होती है अलबेले सपनों की अद्भुत दुनिया,
जिन्हें ढूंढती है नन्ही सी ये दो अँखियाँ।
बंद आँखों के सपने पे न है किसी का ज़ोर,
खुले आँखों से देखे तो बांधती है जीवन के डोर।
कभी दिखाती है इस रंगमंच के हसीं पल,
लाती है मुस्कराहट जब दिखता है सुनहरा कल।
खड़ा कर देती है कभी जीवन के कशमकश भरे मंजर पे,
बेचैन हो जाता है मन जब खुद को पाते है खूनी खंजर पे।
ले जाती है हमें कभी परियों के अनोखे देश में,
मिलती है अविचल धरती और मिलते है लोग अलग ही वेश में।
राह दिखा देती है कभी अपने लक्ष्य को पूरा करने में,
दिखा देती है खामियाँ क्या होगा घुट घुट के डरने में।
दोस्तों, सपने तो होते है ज़िन्दगी का अभिन्न अंग,
इनके परिभाषा में छुपे है न जाने कितने अनूठे रंग।
