कभी दिखाती है इस रंगमंच के हसीं पल, लाती है मुस्कराहट जब दिखता है सुनहरा कल। कभी दिखाती है इस रंगमंच के हसीं पल, लाती है मुस्कराहट जब दिखता है सुनहरा कल।
अजय ,अमर, अविनाशी आत्मा का #ईश समागम आधार बन जाती है मृत्यु। अजय ,अमर, अविनाशी आत्मा का #ईश समागम आधार बन जाती है मृत्यु।
आंखें मेरी भरने लगी अब तो मैं भी डरने लगी। आंखें मेरी भरने लगी अब तो मैं भी डरने लगी।
डरने की क्या है बात ? सारा ब्रह्ममाण हैै तुम्हारे साथ । डरने की क्या है बात ? सारा ब्रह्ममाण हैै तुम्हारे साथ ।