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Bikash Baruah

Tragedy Inspirational

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Bikash Baruah

Tragedy Inspirational

शिक्षा

शिक्षा

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अंक का सिर्फ खेल है 

होड़ है सबको पीछे रख 

खुद अव्वल नंबर पर रहने का , 

बेअदबी से पेश आते हैं 

इज्ज़त न देते अपने गुरु को

क्या मोल फिर ऐसी शिक्षा का ;

मंदिर जो कहते विद्या के घर को

कभी जहां पूजा होती शिक्षा की 

और शिक्षक को भगवान समझा जाता,

आज सब हैं आलिशान दर ओ दीवारें

मिलती हैं सहूलियत हर क़िस्म के मगर 

अफ़सोस ज्ञान वो सच्ची न दिखाई देता; 

बहुत महंगी है आज की शिक्षा देखो जहां 

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जिंदगी की पूंजी खत्म हो जाती बाप की 

और संतान फिर भी न ज़ोहर बन पाता, 

कीमती डिग्रियां हासिल कर लेते सब 

मगर तहज़ीब खुद्दारी और ईमानदारी की 

यहां आज कोई भी शिक्षा दे नहीं पाता;

वक्त रहते यह व्यवस्था न बदला गया तो 

सब मशीनी आदमी बन कर रह जाएगा 

दिल कम जहां दिमाग ज्यादा चलने लगेगा,

सब पैसा रुतबा हक़ के पीछे भागते रहेगा

सुकून जज़्बात इज्ज़त का अर्थ न रह जाएगा

सोचो ऐसे शिक्षा का सच में क्या होगा फायदा!!



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