दीवाली कैसे मनाएंगे
दीवाली कैसे मनाएंगे
दीवाली कैसे मनाएंगे
दिवाला निकल जाएगा,
अब तो दीये की कीमत
तेल से भी हो गया महंगा,
त्योहार यह है प्रकाश का
मगर छाया चारों ओर अंधेरा,
खुश रहें कैसे खुशियां मनाएं
आया दिन आज बदहाली का,
कभी सुदामा मिल पाते कृष्ण से
आज प्रजा से दूर रहते हैं राजा,
झूठों का जुमलों का राज है
अब ईश भी धरती से भाग जाएगा,
दीवाली कैसे मनाएंगे
दिवाला निकल जाएगा।
