हे जवान !
हे जवान !
हे वीर जवान! तुम आगे बढ़ो
दुश्मन आगे खड़े हैं तो क्या
काले बादल घिरे हैं तो क्या ,
लाख मुसीबत सामने हों
फिर भी तनिक न घबराओ
डटे रहो क़दम तुम आगे बढ़ाओ,
रास्ते ऊबड़ खाबड़ है
कहीं कांटे तो कहीं पत्थर हैं
कभी अंगारों पर चलना है ,
फिर भी तुम्हें आगे बढ़ना है
दुश्मन के छक्के छुड़ाने हैं,
आन पड़ी अगर जान पर
पीछे नहीं तुम्हें हटना हैं,
कफ़न भले ही नसीब न हो
मातृभूमि की लाज बचाना है
पीछे नहीं तुम्हें आगे बढ़ना है
हे जवान तुम्हें आगे बढ़ना है!!
