ज़िंदगी को मैंने जाना है... कम या अधिक, मगर जाना है। ज़िंदगी को मैंने जाना है... कम या अधिक, मगर जाना है।
जब पाँव थके अंगार बांधूंगी मैं! जब पाँव थके अंगार बांधूंगी मैं!
कुछ की बांह पकड़कर चलना है, कुछ को साथ लेकर भी चलना है। कुछ की बांह पकड़कर चलना है, कुछ को साथ लेकर भी चलना है।
नहीं सहलाने चाहिये उन जख्मों को, जो नासूर बनते हों, हमें आगे बढ़ना चाहिये, पिछली बातें भुलाकर...! नहीं सहलाने चाहिये उन जख्मों को, जो नासूर बनते हों, हमें आगे बढ़ना चाहिये, पि...
लिखना पढ़ना आगे बढ़ना, एक बनो ना मौका खोना। लिखना पढ़ना आगे बढ़ना, एक बनो ना मौका खोना।
जो जिंदगी से चला गया उसका क्या शोक.....? जो जिंदगी से चला गया उसका क्या शोक.....?