STORYMIRROR

Seema Singhal

Drama Tragedy

2  

Seema Singhal

Drama Tragedy

शहीद !!!

शहीद !!!

1 min
3.1K


कहते हैं वक्‍त हर घाव भर देता है

पर मेरे घाव आज भी

उतनी ही टीस देते हैं

संवेदनाओं के मरहम

से मुझे और पीड़ा होती है


सफेदी इसकी

उतनी शीतल नहीं रही

ज्‍वंलत हो गई है

आंखे नहीं देखना चाहती

वह दृश्‍य

जब इन सफेदपोशो ने

चढ़ाये थे इनपर हार फूलों के

इन्‍हें शहीद कहकर


जाने कितने घोषणाओं से

बटोरी थी वाहवाही

कहने की बजाय ये

कुछ करके दिखाते

जिससे कम होता

आतंक का साया

जिसके भय से हम

आज भी मुक्‍त नहीं हुये हैं ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama