STORYMIRROR

Seema Singhal

Romance

4  

Seema Singhal

Romance

प्यार और उसकी परिभाषा ??

प्यार और उसकी परिभाषा ??

1 min
463

मुझे तुम्‍हारे 

प्‍यार की परिभाषा 

समझ में नहीं आती

तुम्‍हारी नजरों में 


प्‍यार से

ज्‍यादा अहमियत 

पैसा रखता है 

तुम रिश्‍तों का भी 

वजन कर लेते हो तभी तो 


तोल पाते हो 

इन्‍हें दौलत के तराजू पे 

तुम दो लफ्ज़

कभी भी प्‍यार भरे 

नहीं बोल पाये बच्‍चो से 

अपने इस पैसे के 

अभिमान में।


तुम्‍हारा तो भगवान हो गया पैसा 

पर हमारा भगवान तो 

सिर्फ प्‍यार और अपनापन था 

तुम भागते रहे सुबह हो या शाम 

इसी पैसे के लिये

और हम तरसते रहे।


तुम्‍हारे अपनेपन के लिये 

नींद की गोली लेकर तुम सोते 

सुबह को तेज अलार्म से जागते

और भागते हुये बिना दूध के

दो घूट चाय की लेते

कभी दो घड़ी।

 

देते वक्‍त हमें भी पर

बहुत मुश्किल था तुम्‍हारे लिये

जब भी कुछ कहती तो 

वही शब्‍द दुहरा देते जो 

कहते आये हो सालों से 

सब तुम लोगों के लिये ही 

तो कर रहा हूं। 


सोचती रह जाती मैं 

क्या यही प्यार है ?

कैसा है यह प्‍यार

और उसकी परिभाषा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance