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Seema Singhal

Romance

4.5  

Seema Singhal

Romance

कठपुतलियों का खेल...

कठपुतलियों का खेल...

1 min
213


तुम तक पहुंचने के लिए 

मुझे बस 

कुछ कदमों का 

फासला तय करना था 

लेकिन कभी 

वक्‍त ने साथ नहीं दिया 

कभी दिल न इजाज़त नहीं दी ... 


मैने हालातों को 

वक्‍त के हवाले कर दिया है 

इसलिए जो है जैसा है 

उसे वैसे ही रहने दो 

हर घाव भर जाएगा 

वक्‍त के मरहम से ....


कठपुतलियों का खेल अब 

गुजरे वक्‍त की बात हो गया

पर फिर भी लोग जाने क्‍यूं 

कभी किसी के हाथ 

सौंप देते हैं खुद को 

या किसी को 

बना लेते हैं अपने हाथों 

की कठपुतली ....!!



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