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Kalpesh Vyas

Drama

4.3  

Kalpesh Vyas

Drama

शेर और हिरणी की मोहब्बत

शेर और हिरणी की मोहब्बत

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झुका कर निगाहें, वो इकरार कर गई,

जंगल मे हिरणी शेर का शिकार कर गई।


मोहब्बत की ताक़त, कैसे तख्त पलट देती है,

शेर की गुफा से आजकल ग़ज़लें सुनाई देती है।


मिजाज़-ए-शेर भी था काफी कुछ बदला-बदला,

लोमड़ी भी दंग रह गई, जब उसे यह पता चला।


डर सी गई थी, कहीं बंद हो न जाए चालाकी की दुकान,

वो गुफा की ओर निकल पड़ी, और भर दिए शेरनी के कान।


गुस्से मे आ कर शेरनी ने उस हिरणी का ही शिकार कर लिया,

और शेर के पास जा कर गुनाह क़बुल कर लिया।


मजबूर हो गया वो जंगल का राजा , न्याय करे भी तो कैसे ?

राजा होने के बावजूद, रानी को सज़ा दे भी तो कैसे ?


इस उधेड़बुन मे चालाक लोमड़ी बाज़ी मार गई,

चालाकी जीत गई और मोहब्बत फिर से हार गई।।


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