चोरी चोरी प्रेम कहानी
चोरी चोरी प्रेम कहानी
चोरी चोरी छोरे नें आंख मिलाई,
गोरी छोरी चोरी चोरी मुस्कुराई,
मन में प्यार की देखो ज्योती जलाई,
प्यार की प्यारी प्यारी कली खिलाई,
छोरे ने फिर चोरी चोरी सीटी बजाई,
चोरी चोरी छोरी उस से मिलने आई,
चोरी चोरी छोरी लाई रसमलाई,
चोरी चोरी छोरे ने भी कचोरी लाई
अम्मा तक चुप के से खबर पहुँचाई
खबरीलाल निकला अरे वो हलवाई
छोरे ने स्वाद ले कर खाई रसमलाई,
स्वाद ले कर छोरीने भी कचोरी खाई।
चोरी चोरी अम्मा भी वहाँ पर आई,
फिर हो गई दोनों की खुब ध
ुलाई,
हलवाईने छोरे की खिल्ली उड़ाई
लगता है अब पीटेगा वो हलवाई,
पीटने ही वाला था वो हलवाई,
उतने में ही समाने वो छोरी आई,
छोरे के दिल में तब जागी भलाई,
बाल-बाल बच गया वो हलवाई
प्रेम कहानी देखो कैसे मोड़ पे आई
धीरे-धीरे वो बात दोनों ने भूलाई,
कुछ दिनों मे छोरी की हुई सगाई
शादी कर वो बनी किसी और की लुगाई
छोरे की भी और कही हो गई सगाई
शादी कर के वो भी ले आया लुगाई
यह घटना किस ने लिखी किस को बताई ?
सोच कर मैंने लिखी आप को बताई।