वेडिंग सीजन
वेडिंग सीजन
पीपल भी सूना पड़ा है झूले भी ढीले हो गए
नहीं चहचहाती चिड़ियाँ सुना है सबके हाथ पीले हो गए
सरसो भी सयानी होकर अब शरमा रही है
इस बेसाखी उसकी भी बारात आ रही है
मेथी ने कहा मटर से होली से पहले तुम भी कर दो इज़हार
मटर चाहे लाली गज़ारिया को उसने तो किया इंकार
बाबा पालक मूली के प्रेम विवाह से है हैरान
बेटी छरहरी दामाद चुकंदर है पहलवान
गोभी भी खुश है बिना डाइटिंग के आलू के साथ हों गयी सेटिंग
इस साल के अंत तक हों जाएँगी, उसकी भी वेडिंग
प्याज़ ने कहा चाचा बाजरे से जाते-जाते
मेरे भी भिन्डी के सग फेरे करा दो
बाजरा बोला भिन्डी कहती है-
मुझे तो प्याज़ से दोस्ती वाला प्यार है
सच तो यह मुझे अपने प्रिंस चार्मिंग का इंतज़ार है
सच तो यह मुझे अपने प्रिंस चार्मिंग का इंतज़ार है।
