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Mohini Gupta

Comedy

4  

Mohini Gupta

Comedy

#इश्क

#इश्क

1 min
378


इश्क, मोहब्बत, दीवानगी ....

कुछ भी नहीं मेरे प्रेम के आगे !

कमी नहीं है मेरे प्यार में भी सजनी

पर तुम हो कि मानती ही नहीं !


मैं तो चांद तारें तोड़ लाऊं तुम्हारे लिए,

मगर तुम भेज देती हो छत पर कपड़े उतारने !

दिल में मेरे भी बजती हैं अक्सर इश्क की गिटार प्रियतमा,

मगर तुम सामान की धूल झाड़ने को कह देती हो !


हे स्वर्ग सुन्दरी ! ख्वाहिश तो बेशुमार हैं मेरे दिल में,

कि मैं तुम्हें अपने प्रेमरस में डूबे हाथों से रोज़ खिलाऊं !

मगर ...उससे पहले ही तुम खिला देती हो मिर्च वाली डांट,

"तौलिया बिस्तर पर क्यों पटक दिया" कहकर !!


(प्रेयसी की सारी उपमाओं के बाद 

आ गए सीधे लाइन पर "भाग्यवान ")

अब तुम्हीं बताओ भाग्यवान 

मेरी क्या खता हैं इसमें !

जो तुम हर रोज़ आंखें दिखा देती हो,

और इश्क मेरा काफूर हो जाता हैं !


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