तुझे दही-दूध-घी से नहलाते हैं..! और यहाँ मेरे बच्चे दो घूंट दूध के लिए तरसते हैं..! तुझे दही-दूध-घी से नहलाते हैं..! और यहाँ मेरे बच्चे दो घूंट दूध के लिए तरसते ...
भाग्यवान नहीं कि चीर बढ़ाने पहुंच जाएं कृष्ण। भाग्यवान नहीं कि चीर बढ़ाने पहुंच जाएं कृष्ण।
अपनी भाषा हेतु क्यों कर रहे हैं सब अपना मन मैली ? अपनी भाषा हेतु क्यों कर रहे हैं सब अपना मन मैली ?
वैसे तो हर चीज झाँसा देती दिखी है, ज़िंदगी भी कभी कभी झाँसा देती है। वैसे तो हर चीज झाँसा देती दिखी है, ज़िंदगी भी कभी कभी झाँसा देती है।
कलेजा छलनी हो जाता है जब – जब भी मेरा लाल शहीद हो जाता है, कलेजा छलनी हो जाता है जब – जब भी मेरा लाल शहीद हो जाता है,
ज़िंदगी का अनमोल समय गँवा दोगे, जो रखोगे सिर्फ भाग्य पर भरोसा। ज़िंदगी का अनमोल समय गँवा दोगे, जो रखोगे सिर्फ भाग्य पर भरोसा।