" आँचल भारत माँ का "
" आँचल भारत माँ का "
ये जो मेरे चेहरे का नूर है वो कुछ और नहीं
मेरे देशवासियों का गुरूर है,
तनी है जो ये गर्दन मेरी
इसकी वजह
असंख्य औलादें हैं मेरी,
बेटियां हैं मेरा श्रृंगार
भाग्यवान हूँ मैं
बेटे करते मेरे सपने को साकार,
मैं आल्हादित हो जाती हूँ
अपनी सीमाओं पर
जब अपनी नज़र घुमाती हूँ,
मेरे बच्चे मुस्तैदी से रक्षा मेरी करते हैं
मेरी खातिर अपनी ये
जान भी न्यौछावर कर देते हैं,
कलेजा छलनी हो जाता है
जब – जब भी
मेरा लाल शहीद हो जाता है,
मेरी तरह कितनी माँओं का
कर्ज चुका कर
खोखले करते हैं दुश्मन के दावों का,
जार – जार दिल ये मेरा रोता है
मेरा रक्षक जब भी
इस तिरंगे में सो जाता है,
उनकी कुर्बानी बेकार नहीं होती है
हर एक हिन्दुस्तानी का
मस्तक ऊँचा कर जाती है,
मेरी आन – बान और शान में
सब डट कर खड़े है
मेरे आँचल के मान में,
इसलिए तो आंचल मेरा लहराता है
एक – एक भारतवासी
हर कीमत पर तिरंगा फहराता है ।
