कुछ बातें बेहद ज़रूरी होती हैं
कुछ बातें बेहद ज़रूरी होती हैं
प्रकृति हो रिश्ते हों
व्यापार हो व्यवहार हो
सबमें संतुलन बनाना
बेहद ज़रूरी होता है,
ध्यान हटना मन बहकना
ज़रा सा अहम का आ धमकना
इनको दरकिनार करना
बेहद ज़रूरी होता है,
बदलाव एक नियम है
नही कुछ भी एक जैसा कायम है
मन को काबू में रखना
बेहद ज़रूरी होता है,
कम सच को सच बोलते हैं
ज़्यादा झूठ को सच बोलते हैं
दोनों का अंतर समझना
बेहद ज़रूरी होता है,
अपनों के परायेपन को
बेगानों में अपनेपन को
बारीकी से पहचानना
बेहद ज़रूरी होता है,
सभी में स्वाभिमान होता है
सबका आत्मसम्मान होता है
इसको हर कीमत पर बनाये रखना
बेहद ज़रूरी होता है।