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Mamta Singh Devaa

Inspirational Others

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Mamta Singh Devaa

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डटकर खड़ी हो रही हूॅं मैं !

डटकर खड़ी हो रही हूॅं मैं !

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यहां भीष्म पितामहों की भीड़ में

कौरवों के चक्रव्यूह को तोड़ती 

अकेले लड़ रही हूँ मैं ,

अर्जुन का लक्ष्य लेकर

कृष्ण की नीति अपनाकर

कलियुग का महाभारत गढ़ रही हूँ मैं ,

रिश्ता छल से कभी नहीं निभता

ये उन्हीं सच के ढेर का एक सच है

जो किताबों में पढ़ रही हूँ मैं ,

पद रिश्ते और षड्यंत्रों का घेरा

हर युग में नहीं चल पाएगा

ऐसी मानसिकता का रोड़ा बन अड़ रही हूँ मैं ,

भीष्म पितामह के वचनों में बंधे होने का

कब तक लिहाज़ करूंगी

उन वचनों के सामने डटकर खड़ी हो रही हूॅं मैं ।



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