सारथी
सारथी
कब तक करोगे प्रतीक्षा
किसी सारथी की,
झांक कर देखो,
भीतर बैठा है सारथी।
अर्जुन की तरह
हर कोई खुशकिस्मत नहीं कि
मिल जाएं कृष्ण
द्रौपदी की तरह हर कोई
भाग्यवान नहीं कि
चीर बढ़ाने पहुंच जाएं कृष्ण।
आपको स्वयं ही करने होंगे प्रयत्न
अपने अंदर पैदा करनी होगी ऊर्जा,
जला डालो सारे मन के डर
धो डालो सारी नकारात्मकता आपो दीपो भव:
अपने सारथी स्वयं बनो।
