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अक्षिता अग्रवाल

Inspirational

4.7  

अक्षिता अग्रवाल

Inspirational

भाग्य

भाग्य

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जरूरी नहीं, जन्म हुआ अमीर घर में, 

तो ही मनुष्य हुआ भाग्यवान । 

बना दे जो किसी को अभागा, 

ऐसे हैं ही नहीं भगवान। 


मनुष्य जन्म तो लेता है, बनकर भाग्यवान । 

परंतु, रह नहीं सकता भाग्यवान , 

बिना किए कोई काम। 

बिना किए कोई काम। 

भाग्य या सौभाग्य आपका, 

निर्धारित करेंगे सिर्फ आपके काम। 

सिर्फ आपके काम।


भाग्य से जो मिला नहीं, 

उससे कभी कोई गिला रखना नहीं।  

जो मिला वह अच्छा भाग्य आपका।

जो नहीं मिला, 

वह कमा सकता है, 

केवल कर्म आपका।


सभी को होती है, 

अच्छे भाग्य की अभिलाषा। 

सभी के लिए, 

अलग-अलग होती है भाग्य की परिभाषा। 

किसी के लिए रिश्ते हैं भाग्य।

किसी के लिए पैसे हैं भाग्य। 

किसी के लिए, 

बस बेटा होना ही है अच्छा भाग्य। 

पर भूल जाते हैं लोग,

बेटियों के लिए तो चाहिए सौभाग्य।


ज़िंदगी का अनमोल समय गँवा दोगे, 

जो रखोगे सिर्फ भाग्य पर भरोसा। 

निराशा की खाई में धकेल देगा

सिर्फ भाग्य पर रखा गया भरोसा। 

शायद, भूखे रह जाओगे किसी दिन, 

रख कर सिर्फ भाग्य पर भरोसा। 

पूरे आत्म-सम्मान के साथ जीने की, 

चाहत होगी पूरी। 

करके सिर्फ कर्मों पर भरोसा। 

कर्मों पर भरोसा।


भाग्य कभी नहीं होता, 

पूर्व निर्धारित। 

कर्म और भाग्य के मेल से ही होगा, 

अच्छा भविष्य निर्धारित।


कह दिया किसी ने आसानी से, 

प्रधानमंत्री बन गया एक चाय बेचने वाला। 

बोलने वालों को नहीं पता 

कि, रुला देगी उनके संघर्ष की गाथा। 

उनके संघर्ष की गाथा। 

सालों लग जाते हैं, 

सफलता हासिल करने में। 

लोगों को कुछ क्षण लगते हैं, 

इसका तो भाग्य अच्छा था 

कह देने में।


सदैव कर्म करते रहना, 

भटकाने के लिए तो है जमाना। 

आज की दुनिया में, 

किसी की सफलता बस,

अच्छे भाग्य का ही तो होता है बहाना। 

परंतु 

कर्म करके ही होगा, 

अच्छा भाग्य बनाना। 

अच्छा भाग्य बनाना।


   


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