STORYMIRROR

R. R. Jha (RANJAN)

Abstract Comedy Drama

4  

R. R. Jha (RANJAN)

Abstract Comedy Drama

सरकारी बार

सरकारी बार

1 min
245

लै-लो लै-लो राजा!

जमके मजा इस बार में

अपनी ही सरकार है ना।


जितना मन चाहे, करो घोटाला

फिर चाहे जीजा हो या साला

बहन जी नोट की माला

पहन के आई बार में

अपनी ही सरकार है ना।


कभी टूजी की बाढ़ आई

कभी कोयले ने आग लगाई

कभी कॉमनवेल्थ ने भी

एण्ट्री मारी थी इस धार में

अपनी ही सरकार है ना।


कुँवारा है साधु-संन्यासी

चाहिए रोज नई-नई दासी

फ़क़ीर भी जाति बदकर

आए हैं इस संसार में

अपनी ही सरकार है ना।


चढ़ा है ऐसा सत्ता बुखार

छोड़ आंदोलन करे बवाल

सबका तोड़ दिए हैं रिकार्ड

ये पहली बार में

अपनी ही सरकार है ना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract