अपना सा मुँह लेकर बेचारे, घर को चुपचाप लौट गये। अपना सा मुँह लेकर बेचारे, घर को चुपचाप लौट गये।
आतंकवाद का खात्मा कर दो। आतंकवाद का खात्मा कर दो।
कल से होगी फिर महँगाई भईया कुछ दिन बाद हार जीत होगी बुराई फिर भईया कल से होगी फिर महँगाई भईया कुछ दिन बाद हार जीत होगी बुराई फिर भईया
गम ही तो है साथी जो हर मौसम में साथ निभाता है गम ही तो है साथी जो हर मौसम में साथ निभाता है
तो क्या हुआ कोई दंगों का शिकार हो गया, वो गुमनाम लड़का हमारा बेटा थोड़ी ही था, हमें क्या पड़ी है ... तो क्या हुआ कोई दंगों का शिकार हो गया, वो गुमनाम लड़का हमारा बेटा थोड़ी ही था, ...
सिक्का खनकता है पर नोट कभी भी जताता नहीं. सिक्का खनकता है पर नोट कभी भी जताता नहीं.