जाका काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे
जाका काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे


बड़ी दाढ़ी मूछों से तो लगते हो साधु
पर लंबे बालों ने तो बना दिया लुगाई
कहकर श्रीमती मुस्कुराई,
अरे अब हम कैसे काटे सर के बाल
सैलून तो बंद है
कोरोना में कहीं जाना भैया है बड़ा जंजाल
सूझा क्यों ना हम अपनी हजामत बनाएं
रेजर कैंची लेकर स्वयं बारबर बन जाए
दीवार पर आईना टांग कुर्सी पर जा बैठे
अब सोचा आगे होगा कैसे
संभाला खुद को और कैंची उठाई
पर बिना चश्मे के तो कुछ भी नहीं दिया दिखाई
ऐसे ही टेढ़े -मेढ़े आड़े- तिरछे बाल काट डाले
देखा जब खुद को हम ही नहीं पहचाने
कोई देख ना ले इससे पहले सोचा नहा ले
और फिर बाथरूम से बाहर
आए पगड़ी बांधे
तभी तो ठीक ही कहा है
"जाका का काम उसी को साजे और करे तो डंडा बाजे।"