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Geeta Upadhyay

Inspirational

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Geeta Upadhyay

Inspirational

पापा आप बहुत याद आते हो

पापा आप बहुत याद आते हो

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भरी दुपहरी में विशाल वृक्ष की ठंडी छांव बनकर 

सुकून के गांव तक ले जाते हो

पापा आप बहुत याद आते हो

 

कुछ भी नहीं बच्चों की खुशी से बढ़कर

सब को खुश देख कर जब आप मुस्कुराते हो 

पापा आप बहुत याद आते हो


आज भी मेरे सपनों में वो प्लास्टिक की 

पीं पीं करने वाली गुड़िया लाते हो 

पापा आप बहुत याद आते हो


अपनी बिटिया को खेलती देखकर 

पापा के संग अपने 

आप भी मेरे दिल के दरिया 

में गोता लगाते हो 

पापा आप बहुत याद आते हो


बरसों बीत गए घर मायका बने

ससुराल ही तेरा घर है इस नसीहत से 

हर बार रूबरू कराते हो

पापा आप बहुत याद आते हो


कभी यूं ही मन अशांत व्याकुल विचरता है 

तो लगता है कि आषीशों की बौछार करके 

होले से सर को सहलाते हो

पापा आप बहुत याद आते हो


रास्तों के हर कांटो को चुन चुन कर उठाते हो 

हर कदम हर पल हर मुसीबत में हौसला बढ़ाते हो

पापा आप बहुत याद आते हो


आज समझ आई हर बात की गहराई 

कोरे उपदेश ब्लैक एंड वाइट लगती थी कभी 

अब हर बात में कलर नजर आते हो 

पापा आप बहुत याद आते हो


जानती हूं आना मुमकिन नहीं उस जहां से

यकीं कर ही नहीं पाई अब तक 

दीवार पर टंगी तस्वीर में भी आप मुस्कुराते हो

पापा आप बहुत याद आते हो।


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