जुल्मी लैड
जुल्मी लैड
जुल्मी लैड मोरा बड़ा तड़पाए...
पिक्चर न दिखाएं... शापिंग न कराएं..
काम का बस बहाना बनाएं...
मैं घर पे रहती हूं बिल्कुल अकेली
ना कोई साथी ना कोई सहेली
तनहाई ये मेरी जान ही न ले जाए...
सईया सांझ को जल्दी घर आते नहीं
मोरे सईया......2
मीठी-मीठी बातें हमसे बतियाते नहीं
मोरे सईया.....2
काम से ही जब करनी थी शादी...
मुझको बनाया फिर क्यों लुगाई...
जुल्मी लैड मोरा बड़ा तड़पाए...
पिक्चर न दिखाएं... शापिंग न कराएं..
काम का बस बहाना बनाएं...
मैं घर पे रहती हूं बिल्कुल अकेली
ना कोई साथी ना कोई सहेली
तन्हाई ये मेरी जान ही न ले जाए...
तेरी बर्ददी कर दे ना मेरी
जवानी खराबी....
जुल्मी लैड.....
सईया गोदी में अब हमको उठाते नहीं
मोरे सईया......2
सईया मीठी आमरस गालों पर बरसाते नहीं
तेरा कहीं पे भिड़ गया टांका
सौतन को मेरी तूने है फांसा
जो ये सच हुआ तो कर दूंगी
तेरी धुनाई....
जुल्मी लैड मोरा बड़ा तड़पाए...
पिक्चर न दिखाएं... शापिंग न कराएं..
काम का बस बहाना बनाएं...
मैं घर पे रहती हूं बिल्कुल अकेली
ना कोई साथी ना कोई सहेली
तन्हाई ये मेरी जान ही न ले जाए...

