STORYMIRROR

Abhishu sharma

Comedy Inspirational

4  

Abhishu sharma

Comedy Inspirational

अंडे का फंडा

अंडे का फंडा

1 min
353

दूध सी सफ़ेद वो संगमरमर की मीनार,

रेशम सी मुलायम चर्म,परत सुनहरी,

क्या कारीगरी की हे ! जगत सुनार,


चंदा सी चमक, वो दर्पण सा उजला बहता झरना,

गागर में सागर का संसार,

चन्द्रहास के प्रपात से फूटा वो दिनकर का अंकुर,

मस्तक पर लिए कनक सा तेज का निर्विरोध उम्मीदवार,


यह प्रचुर तेज, यह असीमित ऊर्जा का प्रवाह, बन सैलाब बह गया,

देखते रह गए थके हारे चौखट और दरवाज़ा, जैसे हो खरपतवार,

सामर्थ्य समाय अंदर भरपूर भंडार, जैसे चीन की दीवार,

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी, ले गए डाकू सब सोना,


पोंछो आंसू,अब ना रोना, चाहे हो इतवार या सोमवार,

रोज चमकता कुक्कड़ की आँखों का तारा,

सबका दुलारा, देखते ही जीभ से टपकी लार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy