STORYMIRROR

संजय कुमार जैन 'पथिक'

Comedy

4  

संजय कुमार जैन 'पथिक'

Comedy

क्या लिखूं दीवाली पर

क्या लिखूं दीवाली पर

1 min
235


क्या लिखूं दीवाली पर

महंगाई की गाली पर

जलती हुई पराली पर

प्रदूषण की लाली पर

हेल्थ है बड़ी सवाली पर

सफाई में जुटी घरवाली पर

नहीं आई कामवाली पर

यादों में बसी एक साली पर

जेब बड़ी ही खाली पर

फिर भी आज दीवाली पर

जिनपिंग के चौड़े कॉलर पर

फिर झगड़ा चाइनीस झालर पर

यूक्रेन में हुए अंधकार पर

मगर न मानी हार पर

भरे हुए बाजारों पर

जगह खोजती कारों पर

मास्क नही सबके मुह पर

बैन पटाखे,पर भड़ भड़

गिफ्ट की आवा जाही पर

सरहद पे खड़े सिपाही पर

पथिक कलम की स्याही पर

लिज़ की कुर्सी गई मगर

सुनक की फिर से खुली डगर

नो बॉल पे लगा विराट सिक्सर

पाकिस्तान रह गया सिफर

दिए जल रहे सरयू पर

राम आएंगे अपने घर

आपको हैप्पी दीवाली सर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy