वो सारी लड़कियां
वो सारी लड़कियां
हम भूल चुके हैं
वो सारी मोमबत्तियां
वो सारे संकल्प
वो सारी लड़कियां
और उनके साथ
जो कुछ भी हुआ था
भूल गए निर्भया को भी
आरोपियों को फांसी देने का वादा
भूल गया पूरा देश अपना इरादा
आज 2021भी भूल जाओगे
चिंता मत करो
हिन्दू मुस्लिम तो याद है ना
मंदिर मस्जिद तो याद है ना
सवर्ण और दलित तो भूल ही नही सकते
सारे चुनाव इन्ही पर तो हैं पकते
भूलो बोस, गौतम,गांधी और कलाम
गोडसे को याद रखना, चाहे भूल जाओ राम।
अफसोस तुम्हें अब भी दंगे याद है
कोई कहता है, यूथ बर्बाद है
पर मुझे अभी भी याद है
हम सब सिर्फ हिंदुस्तान हैं
टुकड़े टुकड़े नहीं
प्लीज बिखरें नहीं
कोरोना की आइस पाई स
वेलकम 2 हज़ार बाइस।