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Dinesh Dubey

Comedy

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Dinesh Dubey

Comedy

यमलोक की गद्दी

यमलोक की गद्दी

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यमलोक की गद्दी पर,

चित्रगुप्त बैठे थे परेशान,

अब कितनी बही खाता लाए,

प्राणी बढ़ते जा रहे बेफाम।


यमदूतों को फुरसत नहीं थी,

यमराज भी थे हैरान,

नाना उपाय करके हारे,

ये मुसीबत कैसे टारे।


जनसंख्या का क्या करें,

कैसे करें रोक थाम,

अब तो यहां भी लगने लगा है,

आते जाते पूरा जाम।


थक जाते हैं यमदूत भागे,

यमराज का भैंसा हैरान,

कितनी बार दौड़ाएंगे,

मुझको भी ये भगवान।


चित्रगुप्त ले आए संगणक,

कर लिया अपना निदान,

सीख लिया उसे चलाना,

बन गए एकदम से चालाक, 


यमराज बैठे विचार में,

भगवान से करते पुकार,

ये भी गद्दी इंद्र को दे दो,

मुझको बिदा करो सरकार।



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