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Manoj Godar

Comedy Romance

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Manoj Godar

Comedy Romance

तुम औषधि मैं हूँ रोग

तुम औषधि मैं हूँ रोग

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तुम ही मेरी सुबह की चाय तुम्ही मेरा कलेवा हो। 

तुम्ही मेरी माखन मिश्री ,फल दधि घृत और मेवा हो। 

तुम हो रबड़ी जैसी मीठी,, निम्बू जैसी खट्टी तुम। 

गर्मी की शीतल लस्सी, सर्दी की तिलबटटी तुम। 

होंठ संतरे की फांकों से , गाल टमाटर जैसे लाल। 

कानो के झुमके लगते जैसे, अंगूरों की झुकी डाल। 

घी से चुपड़ी रोटी हो तुम , पनीर से प्यारी हो तुम। 

मिक्स वेज मलाई कोफ्ता ,सलाद अचारी हो तुम। 

रास मलाई काजू की बर्फी डोडा और गुलकंद हो तुम। 

चम् चम् रसगुल्ला व जलेबी मेरे दिल में बंद हो तुम। 

तुम मेरी अदरक की चाय ,तुम्ही निम्बू का पानी। 

गोलगप्पे टिक्की और बर्गेर, तुम्ही मेरी मैक्रोनी। 

गुस्सा जैसे गरम पकोड़े , कोल्ड ड्रिंक्स जैसी ठंडी। 

दाल भात के जैसी हो तुम, मीठे जैसे शकरकंदी। 

और क्या वर्णन करूँ तुम्हारा, तुम हो मेरी छप्पन भोग। 

मेरी जीवन में तेरा दर्जा जैसे, तुम औषधि मैं हूँ रोग। 



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